Saturday, October 17, 2009

दिवाली

रोशनी तेरे दिये की है मेरे अंदर
रंग तेरी अदाओं से चुराया है मैंने
हंसी...तेरी फुलझडी है
और गुस्सा रास्ते में रखा सुतली बम...
तेरे दीदार से बेचैनी, उड़ जाती है रॉकेट सी
तुझसे मिलने को ही... दिवाली कहते होंगे
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2 comments:

Udan Tashtari said...

:)

सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

सादर

-समीर लाल 'समीर'

Navin rangiyal said...

achhi hai ... behtar hai...