बारिश में भीगे हुए उसे अरसा हो गया
इंटरनेट में डूबा रहता है वो
उसे उतना ही आता है
जितना गूगल को ....
चैटिंग, कट, कॉपी, पेस्ट
पर करता है समय वेस्ट
शाम को रात बनते देखना भूल गया वो
उसे उतना ही आता है, जितना गूगल को...
खुद हो जाता है बीमार
पर कम्प्यूटर में एंटीवायरस हमेशा तैयार
खाना कई बार कर देता है डिलिट
और इंटर होते रहते है पोस्ट ब्लॉग पर
नेटियाने का गुरूमंत्र उससे ले लो
उसे उतना ही आता है, जितना गूगल को
Thursday, September 3, 2009
Subscribe to:
Posts (Atom)