रोशनी तेरे दिये की है मेरे अंदर
रंग तेरी अदाओं से चुराया है मैंने
हंसी...तेरी फुलझडी है
और गुस्सा रास्ते में रखा सुतली बम...
तेरे दीदार से बेचैनी, उड़ जाती है रॉकेट सी
तुझसे मिलने को ही... दिवाली कहते होंगे ।
Saturday, October 17, 2009
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