Sunday, May 3, 2009

कप्ता्नी में कच्चे

नेतृत्‍व के लिए मैक्‍कुलम को परिपक्‍वता की जरूरत

गलतियां कैसे की जाती है और उसे दोहराया कैसे जाता है, कोलकाता नाइट राइडर टीम के कप्‍तान मैक्‍कुलम को देखकर ये दोनों चीजें समझी जा सकती है। राजस्‍थान रॉयल्‍स से हुए मैच के सुपर ओवर में अंजता मेंडिस को गेंद देने की बात हो या रॉयल चैलेंजर्स के खिलाफ आखिरी और अहम ओवर में क्रिस गेल को गेंदबाजी थमाना, जाहिर करता है कि न्‍यूजीलैंड का यह विकेट कीपर बल्‍लेबाज नौसिखिया कप्‍तान है।

दरअसल पिछले आईपीएल में उनके द्वारा खेली गई शतकीय पारी के बाद लोगों की उनसे उम्‍मीदें बढ गई, ब्रैंडन मैक्‍कुलम इस दबाव को संभाल पाने में नकाम रहे। मैक्‍कुलम का आईपीएल सीजन-टू में बल्‍लेबाजी औसत 8 रन प्रति मैच से भी कम है, इस कारण उन्‍हे कहना पडा कि टीम सेमीफाइनल में नहीं पहुंचती है तो वे कप्‍तानी छोड देंगे।

प्रेरित करने में नाकाम- बेहतर कप्‍तान वह होता है जो आगे रहकर लीड करें जिससे टीम के बाकी खिलाडियों को प्रोत्‍साहन मिल सके। मुंबई के खिलाफ वे काफी बाद में बल्‍लेबाजी करने आए, मैक्‍कुलम किंग्‍स इलेवन पंजाब के खिलाफ ओपनिंग में उतरे लेकिन जब वे आउट हुए तो रन से खेली गई गई गेंदों की संख्‍या अधिक थी, टी-20 में इस तरह की बल्‍लेबाजी के लिए कोई जगह नहीं है। वे अपनी टीम को प्रेरित करने में नाकाम रहे हैं, उनके प्रदर्शन से यह बात की साबित हो गई कि अच्‍छे खिलाडी अकसर अच्‍छे कप्‍तान साबित नहीं होते।

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